Trending - Holi

Saturday | Army | Attitude | Congratulations 🎉 | Good Morning 🌞 | Good Night 😴 | Love 💕 | Motivational 🔥 | Rain 🌧️ | Sad 😢 | Name On Cake 🎂


Home Ummeed Shayari Ummeed Shayari in Hindi - उम्मीद शायरी इन हिंदी

न मंज़िल है न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीद

न मंज़िल है न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीदन मंज़िल है, न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीद,
ये किस रस्ते पे मुझको मेरा रहबर लेके आया है।

See More From: Ummeed Shayari
दिल सा दिल से दिल के पास रहे तूदिल सा, दिल से, दिल के पास रहे तू,
बस यही उम्मीद है के खास रहे तू।

तपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिएतपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिए,
सदियों से इन्सान का अपने आपको छलना जारी है।

बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखोबुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्योकिं समझौते शेर को भी कुत्ता बना देते हैं।

अभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी हैअभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी है,
किस तरह से मैं अपनी आँखें मूँद लूँ।

बहुत चमक है उन आँखों में अब भीबहुत चमक है उन आँखों में अब भी,
इंतज़ार नहीं बुझा पाया है उम्मीद की लौ।

कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घरकच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर,
ढह जाता है हकीकत की बरसात में अक्सर।

उम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जातीउम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जाती,
वादा ना वफ़ा करते वादा तो किया होता।

उम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार कीउम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार की,
बहुत प्यार से धोखा देते हैं, शिद्दत से चाहने वाले।

उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा हैउम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है।

इतना भी मत रुठ मुझसे कि तुझे मनाने की उम्मीदइतना भी मत रुठ मुझसे,
कि तुझे मनाने की उम्मीद ही खत्म हो जाए।

उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जायेउम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी हो जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैंउलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं,
ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं।

वो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहींवो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहीं,
खुशियाँ मेरे नसीब में नहीं और यूँ बस,
दिल रखने के लिए मुस्कुराना भी वाज़िब नहीं।

कभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरनेकभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला।

सुना है हमने भी उम्मीद पे जीता है जमानासुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।

पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँपता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ?
क्योंकि मैं खुद के सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता।

अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भलाअब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला,
मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है।

दरवेश इस उम्मीद में था के कोई आँखें पढ़ लेगादरवेश इस उम्मीद में था, के कोई आँखें पढ़ लेगा,
भूल बैठा के अब ये ज़बान समझाता कौन है।

उम्मीद की किरण के सिवा कुछ नहीं यहाँउम्मीद की किरण के सिवा कुछ नहीं यहाँ,
इस घर में रौशनी का बस यही इंतज़ाम है।

तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न होतेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो,
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता।


Categories